Monday, March 26, 2018

चीन के लोगों को क्यों पसंद आ रही हैं भारत की फिल्में, जानें वजह

चीन के लोगों को क्यों पसंद आ रही हैं भारत की फिल्में, जानें वजह
जब जैकी चैन भारत आए थे, तब उन्होंने कहा था कि मैं भारत के बारे में तीन ही चीजों को जानता हूं- एक आमिर खान, दूसरा 'थ्री इडियट्स' और तीसराबॉलीवुड का डांस। जैकी चैन ही क्यों, विश्व के कोने-कोने में लोग भारत को उसकी फिल्मों से जानते-पहचानते आए हैं। एक समय था जब राज कपूर, मिथुन चक्रवर्ती की फिल्में सोवियत संघ में बहुत लोकप्रिय थीं। अमिताभ बच्चन की फिल्मों ने भी मध्य एशिया में बहुत लोकप्रियता पाई और आज भी भारतीय फिल्में विश्व भर में देखी जाती हैं। शाहरुख खान को यूरोप में काफी लोकप्रिय माना जाता है, लेकिन इक्का-दुक्का फिल्मों खासकर राज कपूर की फिल्मों को छोड़ दें, तो चीन हमारी फिल्मों का कभी बड़ा बाजार नहीं रहा। लेकिन लगता है कि समय के साथ उसमें परिवर्तन आ रहा है और अब हमारी कई फिल्में चीन के बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों की कमाई कर रही हैं। इस वर्ष रिलीज हुई सलमान खान की फिल्म 'बजरंगी भाईजान' तीन हफ्तों में चीन के बॉक्स ऑफिस पर 250 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है और यह पहली फिल्म नहीं है, जिसने पड़ोसी देश में रिकॉर्ड कमाई की हो। इससे पहले आमिर खान की 'थ्री इडियट्स', 'पीके', 'दंगल' और 'सीक्रेट सुपरस्टार' भी करोड़ों की कमाई कर चुकी है। 'सीक्रेट सुपरस्टार' और 'बजरंगी भाईजान' के बाद इरफान खान अभिनीत 'हिंदी मीडियम' तीसरी भारतीय फिल्म होगी, जो इस साल में चीन में रिलीज होगी। 'हिंदी मीडियम' को 4 अप्रैल को रिलीज होना है। समाजिक संदेश वाली फिल्में हिट जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन की यात्रा पर गए थे, तब वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उनसे 'दंगल' फिल्म का जिक्र किया था। अब सवाल यह है कि आखिर चीन के लोगों को भारतीय फिल्में इतनी पसंद क्यों आने लगीं हैं? जबकि यह जगजाहिर है कि भारत और चीन एक-दूसरे के दुश्मन हैं और समय-समय पर दोनों देशों का मामला लड़ाई के स्तर पर पहुंच जाता है। तो क्या हम यह समझ लें कि हमारी फिल्मों को चीन के रूप में एक नया बाजार मिल गया है? हालांकि, यह कहना जल्दबाजी होगी, फिर भी उन भारतीय फिल्मों को जरूर बाजार मिला है, जो बने-बनाए फॉर्मूले से अलग मनोरंजन के साथ सामाजिक संदेश दे रही हैं और चीन के लोगों को यह चीज पसंद आ रही है। जैसे राज कपूर की फिल्मों में तत्कालीन सोवियत संघ के लोग खुद को देखते थे, कुछ वैसा ही आमिर खान की फिल्मों में चीन के लोगों ने देखा। चाहे वह 'थ्री इडियट्स' का, खासकर चीन के युवाओं द्वारा पसंद किया जाना हो, या 'दंगल' के माध्यम से चीन के मध्यमवर्ग के लोगों द्वारा खुद की झलक देखना हो। चीन के लोगों से कनेक्ट करती है कहानी 'दंगल' को चीन में नौ हजार थियेटर में रिलीज किया गया था। 'दंगल' चीन में सबसे ज्यादा हिंदी की देखी जानेवाली फिल्म है। इस फिल्म में चीन के दर्शकों ने अपनी जिंदगी की झलक देखी थी, जिसमें अपने सपनों को पूरा करने की लड़ाई, पिता और बच्चों का रिश्ता और औरतों को मुख्यधारा में आने वाली समस्याएं हैं यही सलमान खान की फिल्म 'बजरंगी भाईजान' की सफलता से पता चलता है कि वहां के दर्शक एक खास तरह की फिल्मों को देखने के भूखे हैं, जो समाज को एक खास संदेश दें। फिल्म प्रमोशन कुछ फिल्म विश्लेषकों का मानना है कि चीन में आमिर खान की फिल्मों की सफलता के पीछे का प्रमुख कारण उनके द्वारा अपनी फिल्मों के प्रचार को लेकर अपनाई गई खासतरह की रणनीति है। जिनमें चीन के कई प्रमुख शहरों में प्रचार करना, वहां के स्थानीय पकवान आदि को खाना और चीन की स्थानीय सोशल मीडिया साइट्स वीबो के माध्यम से चीन के नागरिकों से जुड़ना शामिल है। लेकिन यह सब तो हर छोटी फिल्म के प्रचार के लिए भी किया जाता है। अगर फिल्म के प्रचार ही मुख्य कारण होते, तो शायद 'बजरंगी भाईजान' और 'बाहुबली: द कन्क्लूजन' को इतनी सफलता नहीं मिलती। इन चुनिंदा भारतीय फिल्मों को चीन में सफलता मिलने से लगता है कि भारतीय फिल्में चीन की दीवार फांदने में कुछ हद तक कामयाब हो गई हैं। एक कारण यह भी... -चीन में भारतीय फिल्मों को रिलीज के लिए बड़ी संख्या में थियेटर मिल रहे हैं। -भारत के मुकाबले चीन में सामान्य टिकट की कीमत लगभग 800 रुपये है।


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